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प्रेमघन सर्वस्व

वरञ्च यहाँ तक प्रभाव रखते हैं कि यदि मृतक के कान में भी थोड़ी देर फुस फुस करें, तो वह भी उठकर नाचने लगे। जैसे आप का स्वभाव है कि आप के श्री मुख से किसी की निन्दा छोड़ स्तुति नहीं सुन पड़ती, वैसे ही आप भी अपनी छोड़ और किसी की स्तुति सुन भी नहीं सकते। दिन रात आप अपने नौकर चाकर और मुनीम गुमाश्तों को घुड़कते ही रहते हैं। अनेक जनों को तो घोंस घोंस कर आपने मार ही डाला। सभी महाजन ब्यापारी दुकानदार, बया दलाल आदि से ब्याज, सकरई पद वा छूट में दमड़ी दमड़ी कौड़ी कौड़ी के लिये. झगड़ा झंझट मचाए रहते हैं और कहते हैं कि, वाह यह क्या बात है, हम को दवैल समझ लिया है! कितनों का हिसाब ही नहीं चुकाते, अनेकों से अदालत भी होती तो झूठी गङ्गाजली चाहे उठाएँ, परन्तु दमड़ी कौड़ी नहीं जाने देते, इसीलिए नगर में दोपहर तक कोई इनका नाम नहीं लेता; वरञ्च लोगों ने इनका उपनाम मक्खीचूस रख छोड़ा है। यह मत सोचिए कि बे केवल परले सिरे के बेईमान हैं. यह भी उन्होंने अपनी महाजनी की एक प्राँट मान ली है क्योंकि वे बात बात में कहा करते हैं, कि सुनो भाई "हिसाब जौ-जौ और बकसीस सौ सौ परन्तु सौ सौ क्या बखशीश तो दमड़ी की भी नहीं। क्योंकि वह भली भाँति जानते हैं कि कौड़ी कौड़ी बटोरने से करोड़ होता है यथा—"जल बिन्दु निपातेन क्रमशः पूर्यतेघटः। इसीलिए आप कौड़ी कौड़ी पर झंझट मचा मचा कर कौड़ी बचाया करते, और ऐसे ही ऐसे इतने धनी हुए हैं। इसके अतिरिक्त वे इस व्योहार से औरों को धनी बनने की शिक्षा भी देते हैं। वरञ्च हम लोगों को अपना अनुकरण करते न देखकर रुष्ट भी रहा करते हैं। शीलवा संकोच तो वे जानते ही नहीं तो भी जो श्रापका ऋणी है वा जिसके यहाँ अापका पावना है उसको तो आपका स्वरूप सादात् काल ही के समान जान पड़ता है, क्योंकि चार चार रुपये सैकड़े व्याज फिर हर ६ 3 महीने ब्याज का ब्याज लेते हैं और दमड़ी चुका कर तभी पिण्ड छोड़ते। वरञ्च तौ भी नहीं छोड़ते, रसीद, फारिखती देने में भी बहुत कुछ टालटूल किया करते हैं। यों ही ऊपर के लिखने से आप यह मत सोच लें कि वे आनरेरी मैजिस्ट्रेटी वा म्यूनिस्पल कमिभरी के द्वारा कुछ अन्याय भी करते, नहीं, करते तो न्याय ही हैं, परन्तु अपना आतङ्क जमाने के लिये यह भी एक लटका रखते हैं। यों ही इन्हें बिना पढ़ा लिखा केवल मूर्ख मत जानिये, वरञ्च बहुतेरी बातें सुनकर तो इन्हें इकलौता बुद्धिमान् मान लेना पड़ता है, और न केवल वचन मात्र ही से वरञ्च उनके कामों से भी।