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भारत बधाई
एडवर्ड सात के इंग्लैण्ड के सिंहासनारूढ़ होने पर भारत में भी राज्योत्सव मनाया गया, उसी समय कवि ने यह कविता लिखी थी, सुधारों की जो घोषणा विक्टोरिया ने की थी, उनको पूरा करने के लिए कवि ने चेतावनी दी है। क्योंकि उसे यह आशा थी कि वे सुधार कार्यान्वित होंगे। भारतीय राजा-महाराजाओं की शान शौकत की अनुपम छटा को भी कवि ने बड़े गर्व से वर्णन कर भारत की मंगल कामना करता हुआ हमें यहाँ दिखाई पड़ता है।
सं॰ १९६०