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हमारी प्रकाशित पुस्तकें
आधुनिक हिन्दी-साहित्य का इतिहास

इसमें भारतेदु बाबू हरिश्चद्र जी से लेकर आजतक का पूरा-पूरा हमारे साहित्य का इतिहास है।

पुस्तक में पुराने ढंग की व्रजभाषा, खड़ी बोली और छायावाद की कविताओ का पूर्ण विवेचन एवं उनकी प्रवृत्तियो का यथावत् निरूपण तथा नाटक, उपन्यास, कहानी आदि का पर्यालोचन आधुनिक शैली से किया गया है।

काशी-नागरी-प्रचारिणी सभा ने स० १९९१ की इसे सर्वश्रेष्ठ पुस्तक मानकर लेखक को ‘द्विवेदी स्वर्ण पदक' पुरस्कार में दिया हे । मूल्य ३)

विनय-पत्रिका (सटीक)

( टीकाकार——श्री वियोगी हरि )

यह विनय-पत्रिका की टीका हिन्दी-साहित्य में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। गणेश, शिव, हनुमान, भरत, लक्ष्मण आदि पार्षदो सहित जगदीग श्रीरामचन्द्र जी की स्तुति के बहाने वेदान्त के गूढ तत्त्वो का इस पुस्तक मे समावेश कर दिया है। साहित्य की दृष्टि से भी यह उच्च कोटिका ग्रन्थ है। मू० ३।।)

हिन्दी दासबोध

जिस तरह उत्तर भारत में गोस्वामी जी की रामायण का प्रचार राजा से लेकर रक की झोपड़ी तक है, उसी तरह इस पुस्तक का प्रचार दक्षिण भारत में है। भगवान तिलक ने तो ‘दासबोध' को संसार के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथो में माना है । मूल्य २।।)

भक्त और भगवान

सूर, तुलसी, कबीर, मीरा, रसखान, बिहारी, भारतेन्दु, सत्यनारायण तथा अष्टछाप के भक्त कवि-पुगवो के भगवान के प्रति जो अनुपम उद्गार हैं उनका इस पुस्तक में बहुत ही सुन्दर सकलन किया गया है। भक्तो के वास्ते तो यह अपूर्व पुस्तक है । मूल्य १।।)