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प्राचीन पंडित और कवि

प्राचीन पंडित और कवि श्रनुवाद प्यारे की है शपथ करूँ मै तुझ पर नौछावर निज प्राण ! एक संदेसा प्राणनाथ का जो तू मुझको देवै भान । juaily eyesUya artist LoCAMysely अक्षरांतर अगर चुनॉच दरों हजरतन न पाशद वार। वराय दीद बियावर गुवारे अज दरे दोस्त ॥ अनुवाद और न जो तु जाने पावै उसके सम्मुख किसी प्रकार। नैनों के अंजन को रजकण लादे उसका द्वार वुहार ।। (४) salsaal UsJs Massalo अक्षरांतर दिल शीत लयत मुदाम दारद । - यारय ज लवत चि काम दारद ॥ अनुवाद मन में तेरे अधर की रहत निरंतर चाह । कौन हेत जाने हगे कळू न याकी थाह ॥