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श्रीरङ्गंपत्तन
गरमी के मौसम में कावेरी के छोटे-छोटे कोई १४ प्रपात हो जाते हैं। इसलिए उस समय उनकी शोभा क्षीण हो जाती है। उनकी विशालता और भयड्करता वर्षा ऋतु ही में देखने लायक होती है। अतएव जो लोग इन प्रपातों को देखने जाते हैं वे बहुधा वर्षा-ऋतु ही में जाते हैं।
[सितम्बर १९०४
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