मध्य-प्रदेश में एक जिला नीमार है। इस जिले का सदर-
मुकाम खण्डवा है। वहीं जिले के हाकिम रहते हैं। खण्डवा
से इन्दौर होती हुई राजपूताना-मालवा रेलवे की एक शाख
अजमेर को जाती है। इस शाख पर मोरटक्का नाम का एक
स्टेशन है। वह खण्डवा से ३७ मील है। इस स्टेशन से ७
मील दूर, नर्मदा के ऊपर, मान्धाता नाम का गॉव है। मोर-
टका के आगे बरवाहा स्टेशन है। वहाँ से भी लोग मान्धाता
जाते हैं। इस गाँव का कुछ भाग नर्मदा के दक्षिणी किनारे
पर है और कुछ नदी के बीच मे एक टापू के ऊपर है। यह
टापू कोई डेढ़ मील लम्बा है। इस पर ऊँची-ऊँची दो पहा-
ड़ियाँ हैं। ये पहाड़ियों उत्तर-दक्षिण हैं। उनके बीच की
ज़मीन खाली है। पूर्व की तरफ़ ये दोनों पहाड़ियों एक
दूसरी से मिल गई हैं और उनके कगार नर्मदा के भीतर तक
चले गये हैं। दक्षिण की तरफ जो पहाड़ी है उसके
दक्षिणी सिरे पर मान्धाता का जो भाग बसा हुआ है वह बहुत
ही सुन्दर है। उसके मकान, मन्दिर और दूकानों की लैने'
देखकर तबीयत खुश हो जाती है। महाराजा होलकर का
महल सबसे ऊँचा और सबसे अधिक शोभायमान है। पहाड़ी
के ऊँचे-नीचे सिरे तराशकर चौरस कर दिये गये हैं; उन्ही
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