पृष्ठ:प्राकृतिक विज्ञान की दूसरी पुस्तक.djvu/७७

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पाठ २२ मेह का पानी वालको ! तुम एक पतला और गोल ब्लाटिंग का चित्र सं०३१ चित्र सं. ३२ चित्र सं०३३ चित्र सं०३४ टुकड़ा लो और उसकी चार वह करके (जैसा कि चित्र Courtesy Dr. Ranjit Bhargava, Desc. Naval Kishore. Digitized by eGangotri