(२१) जो तुम अब देखते हो, सब से उन्नत दशा में हैं । यह छोटे २ कीड़ों और शहद की मक्खियों को आकर्षित करती हैं । इनमें सब से नीचे पैदे में बहुत छोटे विन्दु के समान चिह्न होते हैं, जिनमें शहद रहता है । किसी २ फूल में यह दिखलाई देते हैं, और किसी में यह दिखलाई नहीं देते । ये रंगीन पत्तियां 'पंखड़ी' कहलाती हैं। ये पराग केसर की रक्षा करती हैं । किसी २ फूल की पंखड़ियां आपस में मिली होती हैं, और मिल कर एक कटोरा सा बनाती हैं। यदि तुम इन पंखड़ियों को नोच डालो तो इनके अन्दर तुमको 'पराग केसर डंडी' दिखलाई देंगी । 'पराग केसर डंडी' के ऊपर एक मुकुट सा रक्खा हुआ दिखाई देता है । यह ज़ीरा है । फूल का बीज इसी जीरे की सहायता से बनता है । यह बात तुमको आगे बतलाई जावेगी। म. पराग केसर डंडी के नोचने पर तुमको एक और लम्बी डंडी सी दिखाई देगी। यह 'गर्भ केसर डंडी' है। इसके ऊपर एक बहुत छोटा प्याला सा होता है । जब जीरा इस प्याले में होकर नीचे पहुँचता है तो बीज बनता है । इस गर्भ केसर डंडी के तीन भाग होते हैं:- १. सब से ऊपर का भाग जो छोटे कटोरे के समान होता है | In Courtesy Dr. Ranjit Bhargava, Desc. Naval Kishore. Digitized by eGangotri
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