पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय रचनावली खंड 5.djvu/२४५

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- फिर आगे चलकर (पृष्ठ ३३८) लिखा है कि यह तो हो सकता है कि असुर उपासक सम्प्रदाय के विकास में उन्नत विचार वाले बेबिलोनिया के धर्माचार्यों की छाप हो और फारस का मित्र-धर्म भी उसी प्राचीन संस्कृति वाले देश के संदेश- वाहकों के प्रचार का परिणाम हो।' प्राचीन शिनीर या सुमीर को वर्तमान मभ्यता का जनक मानने के लिए इस प्रकार बहुत से विद्वानो ने अनुरोध किया है, उसके मूल मे यही सब कारण हैं । उनके मत से असुर का धर्म पारसियों ने बेबिलोनिया से सीखा। 'Darmesteter' जैसे अवेस्ता के अनुवादक ने तो यहां तक कह डाला है - इस धर्म पर ग्रीक, यहूदी और कितने ही धर्मो का प्रभाव है। और Prof Goldner का मत है कि ये गाथाएं ही सबसे पुरानी है जिन्हें कि 'जरथुस्त्र' का मन्देश कहा जा सकता है। उनके सम्बन्ध मे Darmesteter का मत है कि वे अधिक से अधिक ईसवी पूर्व पहली शताब्दी की है। किंतु पक्षपातपूर्ण मंकीर्ण विचार में कितना सत्य है, नीचे का अवतरण देखने से उमका पता लग जायगा, और यह जरथुस्त्र का धर्म वा सम्प्रदाय कितना प्राचीन है, यह भी आप जान सकगे। जैकब ब्रायण्ट नामी एक सुधी लेखक अपने 'एनालिसिस ऑफ ऐश्येट माईथोलाजी' मे बहुत से प्रामाणिक लेखकों को उद्धृत करता है, जैसे- प्लिनी दि एल्डर, प्लुटार्क, प्लेटो, यूडाक्सस इत्यादि, और वह इस सिद्धान्त पर पहुंचता है कि 'जरथुस्त्र' नाम एक नही अनेक व्यक्तियों का है। प्लिनी मूसा से कई हजार वर्ष पहले जरथुस्त्र को मानता है। प्लुटार्क उसे ट्राय-युद्ध से ५००० वर्ष पहले का कहता है । यूडाक्मस जरथुस्त्र को प्लेटो की मृत्यु से ६००० वर्ष पूर्व का मानता है । प्लेटो की मृत्यु ३४८ बी० सी० मे हुई।' 8. It may be therefore that the cult of Ashur was influenced in its development by the doctrines of advanced teachers from Babylonia, and that persian Mithraism was also the product of missionary efforts extended from that great and ancient cultural arca (v. 338, Myths of Babylonia). P. They can bardly be older than the first century before our era or even before Philo of Alaxandria, for the nco-platonic ideas and beings are found in them just in the philonian stage (p. IXV, Vendidad). 3. Jacob Bryant, a very careful writer, and as accurate as the knowledge of his day permitted him to be in his well-known १० प्राचीन आर्यावर्त : १४५