पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय खंड 3.djvu/१६९

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दिखना दूगा !-कहती हुई गाला ने वैसा ही अभिनय किया, जैसे किसी बच्चे को मनाते हुए स्त्रियां करती हैं । यह देखकर नये हंस पड़ा। उसने पूछाअच्छा कव दिखाओगी? लो तुम खान लगो, मैं जाकर ले आती हूँ। नये अपने रोटी-मठे की ओर चला और गाला अपन घर म । ककाल १४१