पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय खंड 1.djvu/६३५

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पुमोर गा मग गगग पर, लिा पंछ में भाग या भषि प्र पर। आणि में मार पर गर स्त्रागी पारें मग स्टी। भोर गिरी मा पर माय गिर गों पर ग्गा सीनी था. पी पी उग पर ? पर। प्रसाद याङ्गमय ॥ ६१२॥