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भारतवर्ष की चौथी मनुष्य-गणना ४७

और कहाँ किस भाषा का अधिक प्रभाव है। शिक्षित और अशिक्षित जन-समाज के स्वाभाविक गुण-दोषों पर ध्यान दे कर इस खाने पर विचार करने से बहुत सी सामाजिक तथा राजनीतिक बातें जानी जा सकती हैं।

रोजगार-सम्बन्धी विवरण पर विचार करने से प्रत्येक प्रान्त के लोगों की आर्थिक दशा का पता लगता है। इस से प्रत्येक प्रान्त अथवा प्रत्येक जाति के लोगों के शील, स्वभाव आदि का भी अनुमान किया जा सकता है।

अंगरेजी पढ़े हुए लोगों के रहन सहन, आचार, विचार, रीत नीति; प्रवृत्ति-निवृत्ति आदि पर ध्यान दे कर यदि अँगरेजी शिक्षा सम्बन्धी विवरण पर विचार किया जाय तो और भी कितनी ही उपयोगी बात जानी जा सकती हैं।