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प्रबन्ध पुष्पाञ्जलि

सन् १७९० ईसवी में हुई। तब से बराबर दसवें वर्ष वहाँ मनुष्य गणना होती है। पहली गणना में बहुत कठिनता हुई थी और उसका फल भी असन्तोष जनक आया। परन्तु उसके बाद से बराबर यह कार्य अच्छी तरह सम्पन्न होता है और प्रति बार ज्ञातव्य विषयों की सूची बनाई जाती है। १८५० ईसवी से अमेरिका की मनुष्य-गणना के समय कृषि, शिल्प, व्यवसाय, स्कूल, गिरजाघर, समाचार-पत्र आदि अनेक विषयों के सम्बन्ध में भी जाँच की जाती है।

ग्रेटविटेन की पहली मनुष्य-गणना १८०१ ईसवी में, अर्थात् अमेरिका की पहली गणना के ११ वर्ष बाद, हुई थी। इस मनुष्य-गणना का उद्देश पूर्वोक्त रोम और अमेरिका की मनुष्य-गणना के उद्देशों से भिन्न था। राज्य सञ्चालन सम्बन्धी काम के लिए एक प्रधान समिति स्थापन करने तथा पुलिस का प्रबन्ध करने के लिए ग्रेटविटेन के भिन्न भिन्न प्रान्तों के निवासियों की संख्या जानने की आवश्यकता हुई। इसी से वहाँ मनुष्य गणना की प्रथा चली। पहली गणना में मनुष्यों की संख्या केवल तीन विभागों में बाँटी गई थी-(१) विशेषतः खेती करने वाले (२) विशेषतः व्यापार और शिल्प कार्य करने वाले (३) उक्त दोनों श्रेणियों में न गिने जाने योग्य मनुष्य। परन्तु यह गणना सन्तोष-दायक न हुई। तब से दसवें वर्ष वहाँ मनुष्य-गणना होती है। १८४१ तक तो