इस यात्रा में कप्तान स्काट ठेठ ध्रुव तक पहुँचना चाहते थे। अतएव इसके लिए उन्होंने जैसी चाहिए वैसी ही तैयारी भी की थी। उन्हें दक्षिण के ध्रुवीय प्रदेशों का अनुभव भी था। क्योंकि वे खुद एक बार वहाँ हो आये थे। इसके सिवा शेकलटन साहब ने भी अपने अनुभवों के द्वारा कप्तान स्काट को इस यात्रा की तैयारी में सहायता पहुँचाई। अब इस यात्रा के लिये धन का प्रश्न सामने आया। परन्तु यह कमी भी कुछ तो सर्व-साधारण के चन्दे से पूरी हो गई और कुछ कप्तान स्काट ने अपनी सम्पत्ति गिरवी रख कर पूरी करली।
इस प्रकार सज बज कर कप्तान स्काट यात्रा के लिए तैयार हो गये। इस यात्रा में उनके मुख्य मुख्य साथी ये थे--१) लेफ्टिनट एवेस, एटोरानोवा जहाज के सहकारी नायक। (२) डाक्टर विल्सन, इस यात्रा में जाने वाले वैज्ञानिकों के मुखिया, (३) मिस्टर मेकिंटासवेल, न्यूजीलैंड के भूगर्भ विभाग के डाइरेक्टर।
कप्तान स्काट का टेरानोवा जहाज़ २९ नवम्बर, सन् १९१० ईसवी, को न्यूज़ीलैंड से रवाना हुआ। ३० दिसम्बर को वह कोज़र अन्तरीप के निकट पहुँचा। परन्तु वहाँ उतरने का सुभीता न देखकर वह मेकमर्डोसौंड नामक स्थान की ओर गया। वहाँ जहाज से उतर कर सब लोगों ने एवेंस अन्तरीप में जाड़ा बिताया। जनवरी सन् १९११