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प्रतिज्ञा

वाओं का पालन-पोषण किया जायगा। उन्हें शिक्षा भी दी जायगी। चन्दे की रकमें आयेंगी और यार लोममखें करेंगे। कौन जानता है, कहाँ से कितने रुपए आये। महीने-भर में एक भूठा-सच्चा हिसाब छपवा दिया। सुना है, कई रईसों ने बढ़ेगड़े चन्दे देने का वचन दिया है। ५ लाख का तखमीना है। इसमें कम-से-कम ५० हज़ार तो यारों के ही हैं। वकालत में इतने रुपए कहाँ इतने जल्द मिले जाते थे।

बदरी॰--५० ही हज़ार बनाये, तो क्या बनाये, मैं तो समझता हूँ, एक लाख से कम पर हाथ न मारेंगे।

कमला॰---इन लोगों को सूझती खूब है। ऐसी बातें हम लोगों को नहीं सूझती।

बदरी॰--जाकर कुछ दिनों उनकी शागिर्दी करो, इसके सिवा और कोई उपाय नहीं है।

कमला॰--तो क्या मैं कुछ झूठ कहता हूँ?

बदरी॰--ज़रा भी नहीं। तुम कभी झूठ बोले ही नहीं, भला आज क्यों झूठ बोलने लगे। सत्य के अवतार तुम्हीं तो हो।

देवकी--सच कहा है, होम करते हाथ जलते हैं। वह बेचारा तो परोपकार के लिए अपना सर्वस्व त्यागे बैठा है और तुम्हारी निगाह में उसने लोगों को ठगने के लिए यह स्वाँग रचा है। आप तो कुछ कर नहीं सकते, दूसरों के सत्कार्य में बाधा डालने को तैयार। उन्हें भगवान् ने क्या नहीं दिया है, जो यह माया-जाल रचते?

कमला--अच्छा मैं ही झूठा सही, इसमें झगड़ा काहे का। थोड़े

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