(१२९)
यदि बेद, बाइबिल, कुरानादि की एक प्रति अग्नि तथा जल में डाल दी जाय तो जलने अथवा गलने से कोई बच न जायगी।
फिर एक मतवाला किस शेखी पर अपने को अच्छा और दूसरे
को बुरा समझता है ? आप को जिस बात में विश्वास हो
उसको मानिये, हम आप की आत्मा के इजारदार नहीं हैं जो
यह कहें कि यों नहीं यों कर । यदि आप दृढ़ विश्वासी हैं तो
हम अपनी बातों से डिगा नहीं सकते । पर डिगाने की नियत
कर चुके फिर कहिये बिश्वास डिगाने की मनसा ही कौन धर्म
है, जो आपका विश्वास कच्चा है तो हमारी बातों से आप फिसल
जायंगे पर यह कदापि संभव नहीं है पूर्णरूप से अपनी मुद्दत से
मानी हुई रीति को छोड़ के सक साथ हमारी भांति हो जाइये ।
इस दशा में हम और भी घोर पाप करते हैं कि अपनी राह पर
तो भली भांति ला नहीं सकते पर आप जिस राह में आनन्द
से चले जाते थे उससे फिर गये। भला धर्ममार्ग से फेर देने वाला
या फेरने की इच्छा रखने वाला नर्क के बिना कहां जायगा?
'ब्राह्मण' के उद्देश्य ।
प्रस्तावना-हम ब्राह्मण हैं । हमारे पूर्व पुरुष अपने गुणों
के कारण किसी समय सब प्रतिष्ठा के पात्र थे। उन्हीं के नाते
आज तक हमारे बहुत से भाई काला अक्षर भैंस बराबर होने
पर भी जगत गुरु महा कुकर्म करने पर भी देवता और भीख