पृष्ठ:पुरातत्त्व प्रसंग.djvu/५५

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
५१
कम्बोडिया में प्राचीन हिन्दू-राज्य


भो विदेश-यात्रा करते थे, धर्म्म-प्रचार के लिए भी करते थे और दूर देशों में बस कर अन्य मार्ग से भी धन-सञ्चय करने के लिए करते थे।

स्याम के उत्तर, पूर्व और दक्षिण में एक बहुत विस्तृत देश है। उस पर फ्रांस की प्रभुता है। उसका संयुक्त नाम हे इंडो-चायना। इस विस्तृत देश का उत्तरी भाग टानकिन, पश्चिमी अनाम और दक्षिणी कोचीन-चाइना अथवा कम्बोडिया कहाता है। इसी अनाम और कम्बो- डिया में किसी समय हिन्दुओ का राज्य था। फ्रांस के कई पुरातत्त्वज्ञों और विद्वानों ने इन देशों या प्रान्तों का प्राचीन इतिहास लिखा है। उन्होने अपने इन इतिहार्सो में पास-पड़ोस के द्वीपो तक की पुरानी बातों का उल्लेख किया है। उन्हीं के आधार पर प्रार्फ सर यदुनाथ सरकार ने एक छोटा-सा लेख अँगरेजी भाषा की मासिक पुस्तक, "माडर्न रिव्यू" में, प्रकाशित कराया है। इसके सिवा विश्वभारतो के अध्यापक बाबू फणीन्द्रनाथ वसु की एक पुस्तक अभी हाल ही में प्रकाशित हुई है। उसमें प्राचीन चम्पा-राज्य का वर्णन है। चम्पा से मतलब उस देश या प्रदेश से है जिसे आज-कल अनाम कहते हैं। प्राचीन- काल में भारतवासियों ने जाकर वहाँ अपने राज्य की स्थापना की थी। झोच-इतिहास-वेत्ताओं ने बहुत खोज के अनन्तर वहाँ की हिन्दू-सभ्यता और शासन के सम्बन्ध