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मैडेगास्कर-द्वीप के मूल निवायो


इधर इसके पहले ही बहुत से मैडेगास्कर-वासी, ईसाइयों के पेच में पड़ कर, ईसाई हो चुके थे। रानी ने उन्हें दण्ड देने का निश्चय किया। किसी को उसने कैद कर लिया, किसी को फाँसी दे दी और किसी को जीता ही गड़ा दिया। पर स्वयं रानी ही का एक लड़का, जो ईसाई हो गया था, किसी तरह बच गया।

पूर्वोक्त रानी के मरने पर दूसरी रानी गद्दी पर बैठो। कुछ दिनों बाद, वह खुद ही ईसाइन हो गई। इस कारण उसने राज्य भर में मनादी करवा दी कि जितनी मूर्तियाँ हैं सब तोड़ डाली या जला डाली जाँय। इस आज्ञा का यथासाध्य परिपालन किया गया। फल यह हुआ कि तब से ईसाई-धर्म्म ही की तूती वहाँ बोल रही है। इस समय मैडेगास्कर में छोटे बड़े सौ सवा सौ गिरजे होंगे। अधिकांश सकालवा लोग हज़रत ईसा को पवित्र भेड़ों के ग़ल्ले में शामिल हो गये हैं और सातवें आसमान पर चढ़ा दिये जाने का रास्ता देख रहे हैं। प्रभो, मसीह, उनकी कामना फलवती कोजियो!

[दिसम्बर १९२३