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काले पानी के आदिम असभ्य
है जिसकी उत्पत्ति का पता न तो किसी इतिहास ही से
मिलता है और न कथा-कहानियों ही से, अनुमान किया
जा सकता है। इनकी प्राचीनता के मुकाबले में ईजिप्ट-
वालों की प्राचीनता अभी कल की जान पड़ती है। अँगरेज़ी
गवर्नमेन्ट इस जाति को जीवित रखने की बहुत चेष्टा कर
रही है। पर उनके प्रयत्न सफल होते नही देख पड़ते।
क्योंकि इनकी संख्या दिन पर दिन घटती ही चली जा
रही है। इस समय इस जाति के मनुष्यों की संख्या
दो हजार से भी कम ही रह गई है। इन लोगों को
बड़ी ही विचित्र बीमारियाँ हो जाती है। वे दवा-पानी
से नहीं अच्छी होती। इनमें कुछ ऐसी विशेषता है कि
इनके सन्तति कम होती है। बिरले ही घरों से बाल-
बच्चे दिखाई देते हैं। इनके हृास का सबसे बड़ा कारण
यही है। डर है कि सौ दो सौ वर्ष मे इस परम
प्राचीन नेग्रिटो-जाति का कहीं अन्त ही न हो जाय।
[दिसम्बर १९२६