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प्रकाशक का वक्तव्य
आज हम हिन्दी-संसार के समक्ष श्रीमान् 'प्रेमचन्द जी की बिलकुल नवीन पाँच कहानियों का एक अभिनव संग्रह उपस्थित
कर रहे हैं। यह कहानियाँ किसी अन्य पुस्तक में नहीं हैं। इनमें
की एक कहानी 'इस्तीफा' की तारीफ पिछले महीनों बहुत काफ़ी
हो चुकी है। हिन्दी के विशेष-विशेष विद्वानों ने कहा था कि"बाबू प्रेमचन्दजी की यह कहानी, हिन्दी में लिखी गई इधर की सभी कहानियों से श्रेष्ठ और अत्यन्त सामयिक है।” परन्तु हम यह निवेदन करेंगे कि पाठकगण अन्य चार कहानियों को पढ़ें
और देखें कि 'कप्तान साहब', 'ज़िहाद', 'फातिहा' और 'मन्त्र'