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परीक्षा गुरु
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हैं इसलिये सुख-दुःख का आधार इच्छा फल की प्राप्ति पर नहीं बल्कि सत्कर्म और दुष्कर्म पर है.

इस तरह पर अनेक प्रकार की बातचीत करते हुए लाला मदनमोहन की बग्गी मकान पर लौट आई और लाला ब्रजकिशोर वहां से रुखसत होकर अपने घर गए.


प्रकरण १३

बिगाड़ का मूल- विवाद.

कौपे बिन अपराध। रीझै बिन कारन जुनर॥
ताको ज्ञील असाध। शरदकाल के मेघ जों॥

विदुर प्रजागरे.

लाला मदनमोहन हवा खाकर आए उस समय लाला हरकिशोर साठन की गठरी लाकर कमरे में बैठे थे.

"कल तुमने लाला हरदयाल साहब के सामने बड़ी ढिठाई की परन्तु मैं पुरानी बातों का विचार करके उस समय कुछ नहीं बोला" लाला मदनमोहन ने कहा.

"आपने बड़ी दया की पर अब मुझको आप से एकान्त में कुछ कहना है, अवकाश हो तो सुन लीजिये" लाला हरकिशोर बोले.

"यहां तो एकांत ही है तुमको जो कुछ कहना हो निस्संदेह कहो" लाला मदनमोहन ने जवाब दिया.