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परीक्षागुरु.
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मामलों मैं मन लगाने के बदलें ऊपर, ऊपर से इन्को देख भाल कर केवल बड़े बड़े कामों मैं अपने तांई लगाये रखनें और बड़े आदमियों मैं प्रतिष्ठा पाने की विशेष रुचि रखता था. उस्नें हरेक अमीर के हां अपनी आवा जाई कर ली थी और वह सबसै मेल रखता था. उस्के स्वभाव मैं जल्दी होनें के कारण वह निर्मूल बातों पर सहसा विश्वास कर लेता था और झट पट उन्का उपाय करनें लगता था उस्के बिना बिचारे कामों सै जिस्तरह बिना बिचारा नुक्सान होजाता था इसी तरह बिना बिचारे फ़ायदे भी इतनें हो जाते थे जो बिचार कर करनें सै किसी प्रकार संभव न थे. जब तक उस्के काम अच्छी तरह सम्पन्न हुए जाते थे, उस्को प्रति दिन अपनी उन्नति दिखाई देती थी, सब लोग उस्की बात मान्ते थे, उस्का मन बढ़ता जाता था और वो अपना काम सम्पन्न करनें के लिये अधिक, अधिक परिश्रम करता था परन्तु जहां किसी बात मैं उस्का मन रुका उस्की इच्छानुसार काम न हुआ किसीनें उस्की बात दुलख दी अथवा उस्को शाबासी न मिली वहां वह तत्काल आग हो जाता था हरेक काम को बुरी निगाह सै देखनें लगता था उस्की कारगुज़ारी मैं फ़र्क आजाता था और वह नुकसान सै खुश होनें लगता था इसलिये उस्की मित्रता भय सै ख़ाली न थी.

कोई साहसी पुरुष स्वार्थ छोड़ कर संसार के हितकारी कामों में प्रबृत्त हो तो कोलम्बसकी तरह बहुत उपयोगी होसक्ता है और अब तक संसार की बहुत कुछ उन्नति ऐसे ही लोगों से हुई है इस लिये साहसी पुरुष परित्याग करनें के लायक़ नहीं