1 परिवार के इस रूप को सारभूत विशेषताएं अधीन लोगों का परिवार मे समावेश और पितृ-सत्ता थी। अतएव परिवार के इस रूप का सबसे विकसित रूप रोमन परिवार है। शुरू में farmilia शब्द का अर्थ वह नही था जो हमारे प्राधुनिक कूपमंडूक का प्रादर्श है और जिसमे भावुकता और घरेलू कलह का सम्मिश्रण होता है। प्रारम्भ काल में रोमन लोगो के बीच इस शब्द मे विवाहित दम्पत्ति और उसके बच्चो का संकेत भी न था, वह केवल दासो का ही सूचक था । Famulus शब्द का अर्थ है घरेलू दास , और familia शब्द का अर्थ - एक व्यक्ति के सारे दासो का समूह । यहा तक कि गायस के समय मे भी familia, id est patrimonium ( अर्थात् उत्तरधिकार) को लोग एक वसीयतनामे के द्वारा अपने वंशजी के लिये छोड़ जाते थे। रोमन लोगों ने एक नये सामाजिक संगठन का वर्णन करने के लिये इस नाम का आविष्कार किया था। उसमे उमके मुखिया के अधीन उसकी पत्नी, उसके बच्चे और कुछ दास होते थे, और रोमन पितृ-सत्ता के अन्तर्गत उसके हाथ मे इन लोगों की जिन्दगी और मौत का अधिकार होता था। अतएव यह नाम लैटिन कबीलो की उस लौह आवेष्ठित पारिवारिक व्यवस्था से अधिक पुराना नहीं था, जिसने खेत बनाकर खेती करने की प्रथा के शुरू होने, दास-प्रथा के कानूनी वन जाने और माथ ही यूनानियों तथा (आर्य नस्ल के ) लैटिन लोगो के अलग हो जाने के बाद जन्म लिया था। मार्क्स ने इस वर्णन में ये शब्द और जोड़े है कि “आधुनिक परिवार में न केवल दास-प्रथा (servitus) बल्कि भूदास-प्रथा भी बोज-रूप में निहित है, क्योकि परिवार का सम्बन्ध शुरू से ही खेती के काम-धंधे से रहा है। लघु रूम में इसमें वे तमाम विरोध मौजूद रहते हैं जो बाद में चलकर समाज मे और उसके राज्य मे बड़े व्यापक रूप से विकसित होते है। परिवार के इस रूप से पता चलता है कि युग्म-परिवार का किस तरह एकनिष्ठ विवाह में संक्रमण हुअा। पत्नी के सतीत्व की रक्षा करने के लिये , यानी बच्चो के पितृत्व की रक्षा करने के लिये, नारी को पुरप की निरंकुश सत्ता के अधीन बना दिया जाता है। वह यदि उसे मार भी डालता है, तो वह अपने अधिकार का ही प्रयोग करता है। » 49 " 80
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