इसके परिणामस्वरूप विशेष बातों से ताल्लुक रखनेवाले मौर्गन के कुछ प्रमेय कमजोर पड गये है या अरक्षणीय हो गये है। परन्तु इकट्ठी हुई नयी सामग्री उनकी मुख्य धारणाओं की जगह दूसरी धारणाएं स्थापित करने में सफल नहीं हुई है। आदिम समाज के इतिहास को मौर्गन ने जो व्यवस्था प्रदान की थी, वह अपने मुख्य रूप मे आज भी सत्य है। हम यहा तक कह सकते है कि इस महती प्रगति के जनक के रूप मे उनका नाम छिपाने की जितनी ही कोशिश की जा रही है, इस व्यवस्था को लोग उतना ही अधिक मानते जा रहे है। फ्रेडरिक एंगेल्स लन्दन, १६ जून, १८६१ पत्रिका, से «Die Neue Zeits Bd. 2, No 41, 1890-1891 तथा Friedrich Engels Der Ursprung der Familie, des Privateigenthums und des Staats gearet, Stuttgart. 1891, में प्रकाशित। पत्रिका के मूलमाठ मिलाकर पुस्तक के मूलपाठ के अनुसार मुद्रित। मूल जर्मन। . सितम्बर, १८८८ मे न्यूयार्क से वापसी के समय मेरी मुलाकात अमरीको कांग्रेम के एक भूतपूर्व सदस्य से हुई जो रोचेस्टर से चुने गये ये और जो ल्यूईम मोर्गन को जानते थे। दुर्भाग्यवश वह मुझे मौगंन के बारे मे अधिक नहीं बता सके। उन्होंने बताया कि मोर्गन साधारण नागरिक पो तरह रोचेस्टर में रहा करते थे, और अपने अध्ययन में व्यस्त रहते थे। उनके भाई मेना में कर्नल ये और वाशिंग्टन में युद्ध-विभाग में किसी पद पर थे। अपने इस भाई की महायता से मौगंन सरकार को इस बात के लिये प्रवृत्त करने में सफल हुए कि वह उनकी पौर उनकी रचनापी को गरकारी प्रचं पर । कांग्रेस के इम भूतपूर्व मदस्य पा कहना था कि जब तक वह काप्रेस में रहे, उन्होंने गुद भी मोर्गन को सहायता की पी। (एंगेल्म का नोट) पोजों में दिलचस्पी से
पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/२८
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।