यारोस्लाव, दानिशमंद (Yaroslav the Wise) (९७८-१०५४)-कीयेव के महाराज (१०१९-१०५४)।-७५ परिपिडीश (Euripides) (अनुमानतः ४८० ई० पू०-४०६ ई० पू०)- प्राचीन यूनान के नाटककार, क्लासिकीय दुःखात नाटको के रचयिता।-१ राइट, पार्थर (Vright, Arthur) (१८०३-१८७५)- अमरीकी मिशनरी, जो १८३१-१८७५ के काल में इंडियन लोगो के बीच रहे ; उनकी भापा के कोश के संकलनकर्ता।- सांगस (Longus) (दूसरी शताब्दी का अन्त - तीसरी का प्रारम्भ )- प्राचीन यूनान के लेखक। -६६ लांगे, क्रिस्टियन कोनराद लुडविग (Lange, Christian Konrad Ludwig) (१८२५-१८८५)-जर्मन भापा-विज्ञानी, प्राचीन रोम के इतिहास के बारे में अनेक ग्रंथों के रचयिता1-१६२ लासाल, फ़र्दीनांद (Lassale, Ferdinand) (१८२५-१८६४)- जर्मन निम्न-पूंजीवादी पत्रकार तथा वकील ; १६ वी शताब्दी के सातवे दशक के प्रारंभ में जर्मन मजदूर आदोलन मे आये, आम जर्मन मजदूर संघ के एक संस्थापक ( १८६३), प्रशा के नेतृत्व मे जर्मनी का "ऊपर से" एकीकरण किये जाने का समर्थन किया, जर्मन मजदूर आंदोलन में अवसरवादी प्रवृति का सूत्रपात किया।-२२६-२२७ लिवी, टीटस (Livy. [Livius] Titus) (५६ ई० पू० - १७ ई०)- रोम के इतिहासकार, 'अपनी स्थापना काल से गेम का इतिहास' के रचयिता।-१५६, १६२ लकियन (Lucian) (अनुमानतः १२०-१८० ई०) - प्राचीन यूनान के व्यंग-लेखक, निरीश्वरवादी1-४८ लेतू!, शार्ल जान मारी (Letourneau, Charles Jean Marie) (१८३१- १९०२)-फ्रास के समाजशास्त्री तथा मानवजाति-विज्ञानी।- ४२-४३, ४६ लेयम, रॉबर्ट गॉर्डन (Latharm, Robert Gordon) (१९१२-१८८८)- ब्रिटेन के भापा-विज्ञानी तथा मानवजाति-विज्ञानी । -१६ लेब्बोक, जॉन (Lubbock, Johra) (१८३४-१९१३)-रिटेन के जीवविज्ञानी, डार्विन के अनुयायी, मानवजाति-विज्ञानी तथा पुरा- तत्त्वविद् , आदिम समाज के बारे में अनेक पुस्तको के रचयिता।-२१, २३, २४ २५६
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