155 66 करने का अधिकार दिया गया था। ये लोग टैक्स वसूल करते थे और सैनिक अभियानों मे सैनिक टुकड़ियों की कमान भी इनके हाथ में रहती थी। उन्हें अपनी सेवायो के लिये जिले में वसूल हुई शाही आमदनी का एक-तिहाई भाग दिया जाता था और इनाम में जागीरे भी वशी जाती थी। विशेष रूप से ८७७ के बाद, जब इस पद को उत्तराधिकार द्वारा हस्तांतरणीय बना दिया गया, ये काउंट धीरे-धीरे शक्तिशाली मौरूसी जमींदार बनते गये। -पृ० १६७ यहा लेखक का संकेत सेंट-जेरमें-द-प्रे मठ के नौवी सदी मे रचित पोलिप्तिक" (भूमि संपति, आवादी तथा आय का वृतान्त ) से है, जो इतिहास में “पादरी इमिनीन के पोलिप्तिक" के नाम से जाना जाता है। एंगेल्स ने “पोलिप्तिक" से उद्धृत आकड़े संभवतः पी० रॉथ oft ghie Geschichte des Beneficialwesens con den ältesten Zeiten bis ins zehute Jahrhundert. Erlangen, 1850, p. 378 से लिये हैं।-पृ० १९८ 15 Angariae- रोमन साम्राज्य के निवासियो द्वारा की जानेवाली मनिवार्य सेवायें। उन्हे राजकीय कार्यों के लिये घोडा , गाड़ी आदि की सप्लाई करनी पड़ती थी। कालांतर में ये सेवायें वृहत्तर पैमाने पर इस्तेमाल की जाने लगी और जनता के लिये बोझ बन गयी।-पृ० १६८ 15 सरपरस्ती (Commendation)-किसान या छोटे जमीदार का अपने को रक्षार्थ किमी प्रभुताशाली जमीदार के हाथों में सौंपना । सरपरस्ती निश्चित नियमो के अनुसार को जाती थी (जैसे सैनिक सेवा अर्पित करके, टेक को जोत के वदते अपनी जमीन को हस्तातरित करके) । किसानों के लिये , जो अक्सर जोर-जबरदस्ती के जरिये ऐमा करने के लिये मजबूर किये जाते थे, इसका प्रयं पा अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को खो चटना; छोटे उमीदारों के लिये इसका प्रयं था बलशाली मामंती प्रभुप्रो का माश्रित हो जाना । सरपरस्ती की प्रथा, जो यूरोप में ८ वी और हवी शताब्दियों से खूब प्रचलित हुई , सामंती संबंधों के मुतीकरण में महापा मिद हुई।-प० २०० 154 Ch. Fourier, Théorie des quatre mourrmonte et des destinées
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