पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/२१८

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बन गया था ; प्लेवियनो की विजय से पुरानी गोत्र-व्यवस्था नष्ट हो गयी और उसके खंडहरो पर राज्य का निर्माण किया गया जिसमे जल्द ही गोत्र- समाज के कुलीन लोग और प्लेबियन दोनों समा गये। अन्तिम उदाहरण जर्मनो का है, जिन्होने रोमन साम्राज्य को धराशायी किया था। उनके बीच बड़े-बड़े विदेशी इलाको को जीतने के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में राज्य का जन्म हुआ था, क्योकि गोत्र-व्यवस्था उन पर शासन करने का कोई माधन प्रस्तुत न कर सकती थी। पर चूकि इन इलाकों को जीतने में कहा की पुरानी प्रावादी के साथ किसी गम्भीर संघर्ष की, या पहले से अधिक उन्नत श्रम-विभाजन की आवश्यकता नही पड़ी थी और चूकि विजेता और विजित लोग दोनो आर्थिक विकास के लगभग एक से स्तर पर थे और इस प्रकार समाज का आर्थिक आधार विदेशियों की जीत के बाद भी पहले जैसा ही बना रहा था, इसलिये गोत्र-व्यवस्था एक बदले हुए, प्रादेशिक रूप में , मार्क-संघटन की शक्ल में, इसके बाद भी सदियों तक जीवित रह सकी । बल्कि वाद के वर्षों के अभिजात और कुलीन परिवारो के रूप मे, यहां तक कि किसान परिवारो के रूप मे भी-जैसे डिथमार्शन में - वह कुछ समय के लिये मंद रूप में सही, अपना कायाकल्प करने मे भी सफल हो सका। इसलिए, राज्य कोई ऐसी शक्ति नहीं है जो बाहर से लाकर समाज पर लादी गयी हो; और न वह “किसी नैतिक विचार का मूर्त रूप या “विवेक का मूर्त और वास्तविक रूप" है, जैसा कि हेगेल कहते है। बल्कि कहना चाहिए कि वह समाज की उपज है, जो विकास की एक निश्चित अवस्था मे पैदा होती है, वह इस बात की स्वीकारोक्ति है कि यह समाज हल न होनेवाले अन्तर्विरोधों में फंस गया है, वह ऐसे विरोधरे से विदीर्ण हो गया है, जिनका समाधान नही किया जा सकता और जिन्हे दूर करना उसकी सामर्थ्य के बाहर है। परन्तु ये विरोध , परस्पर विरोधी आर्थिक हितो वाले ये वर्ग, व्यर्थ के संघर्ष में अपने को और पूरे समाज को नष्ट न कर डाले , इसलिये एक ऐसी शक्ति, जो मालूम पड़े कि समाज से ऊपर खड़ी है, आवश्यक बन गयी, ताकि इस संघर्ष को हल्का किया निबूहर पहले इतिहासकार थे जिन्हे डिथमार्शन 11 के परिवारो के बारे में अपनी जानकारी की बदौलत, गोत्र के स्वरूप का कम से कम कुछ प्रामाम था। हालांकि यांत्रिक रूप में उनकी नकल करने के कारण उन्होंने कुछ गलतियां भी कर डाली। (एंगेल्स का नोट) २१०