पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/१६७

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मिलते थे, एक-मझोला दन्ना-बी को मिला था। यदि न्द्री र के लिये पहुंच जाता था,ठा दी दो, भले ही वह मन में - शय्या पर एक पैर रख हो,नोट जाना पड़ा मा। परन्दर मध्य तक पूरे जोर पर थी, और वहां भी उसे अंग्रेजों के हथियार, कानून और अदालत ही धराशायी कर सके। वेल्स के पुराने कानून , जो अंग्रेजो द्वारा वेल्स की विजय 12 के कई सदी पहले , ग्यारहवीं सदी के बाद के लिखे हुए नहीं है, यह बताते है कि तब भी कही-कही पूरे गांव के गांव सामदायिक खेती करते थे, हालांकि ऐसी खेती अपवाद और एक पुरानी ग्राम प्रथा के अवशेप के रूप में ही होती थी। हर परिवार के पास पांच एकड़ जमीन खुद जोतने-चोने के लिये होती थी और एक और खेत अन्य परिवारो के साथ मिलकर जोतने के लिये होता था, जिसकी उपज सव में बंट जाती थी। पायरलैंड और स्काटलैंड के इनसे मिलते-जुलते उदाहरणों के आधार पर यदि वेल के इन गाव-समदायो का मूल्याकन किया जाये तो इस बात में तनिक भी मन्दह नही रह जाता कि वे वास्तव में या तो गोन है या गोनों को जागवाएं, हालाकिं सम्भव है कि वेल्स के कानूनी को फिर से खोज करने पर., जो मैं इस वक्त समय की कमी के कारण नहीं कर मरता (नरी टिप्प- णियां १८६६ की है 130), इसकी प्रत्यक्ष पुष्टि न हो। पन्तु दल और आयरलैंड की सामग्री से जिस बात का प्रत्यक्ष प्रनाम मिल जाता है, वह यह है कि ग्यारहवी सदी तक केल्ट लोगों में यन-रिवार के स्यान पर एकनिष्ठ विवाह पूरी तौर पर कायम नहीं हा या देन में विवाह- सम्बन्ध तभी अटूट माना जाता था जब विवाह हार माद दरं हो जायें, या यो कहें कि सात वर्ष तक विवाह को किसी भी मनद नोटिम देकर मंग किया जा सकता था। सात वर्ष पूरे होने में पदि कंदल दीन गतों की कमी होती तो भी विवाहित जोड़ा प्रण हो माटा या। ऐसा होने पर जोड़े की सम्पत्ति दोनों के बीच दंट बादी थी; म्ही मार्ग सम्मान के दी हिस्से करती थी, पुरुष एक हिम्ना व नंदा यानीचा दांटने के कुछ बहुत ही अजीव नियम थे। यदि पृर दिदह श्री भंग करता था दो ट। स्त्री का दहेज और कुछ अन्य दनु काट कर देनी पड़ती थीं। पदि हो विच्छेद चाहती थी तो उसे कन रिटादच्चों में से दो पुरस के बाद फिर विवाह करती पर उनका पहला पति उसे दर - १६६