rex था। क्यूरियानों की यह सभा कानून बनाती थी या रद्द करती थी, ( तयाकथित राजा) गमेत सभी ऊने पदाधिकारियों को चुनती थी, युद्ध की घोषणा करती थी (परन्तु सुलह सीनेट करती थी), और जिन मामलो मे रोमन नागरिको को मृत्यु-दंड मिला होता था, उन सभी को अपील सर्वोच्च न्यायालय के रूप में सुनती थी। अन्त में सीनेट तथा जन-ममा के साथ-साथ rex होता था, जिसे ठीक यूनानी वैसिलियस के समान समझना चाहिए, और जो उस तरह का निरकुश राजा कदापि नही था, जैसा कि मोम्मसेन ने 125 उसे बना दिया है। वह सेनानायक का, मुख्य पुरोहित का और कुछ न्यायालयों मे अध्यक्ष का पद भी रखता था। वह कोई दीवानी काम नही करता था। सेनानायक के रूप में अनुशासन कायम रखने के तथा न्यायालयों के अध्यक्ष के नाते उनके दंडादेशों को क्रियान्वित करने के अधिकार के सिवा उसका नागरिको के जीवन पर, उनकी स्वतंत्रता पर और उनकी सम्पत्ति पर कोई अधिकार न था। rex का पद वंशगत नहीं था। इसके विपरीत, शरू में, रेक्स का चुनाव हुआ करता था। शायद पिछला रेक्स उसे नामजद करता था और क्यूरियानो की सभा उसका चुनाव करती थी तथा एक दूसरी सभा बुलाकर उसका विधिपूर्वक अभिषेक किया जाता था। उसे गद्दी से हटाया जा सकता था, यह टारक्वीनियस सुपर्वस की कहानी से सिद्ध हो जाता है।
- लटिन भाषा
का rex शब्द कैल्टिक-पायरिश भाषा के rigil ( कबीले का मुखिया) और गौथिक भापा के reiks का पर्याय है। जर्मन भाषा के शब्द First (अग्रेजी भापा मे first और डेनिश भाषा मे forste) की तरह, इस शब्द का भी शुरू मे अर्थ था गोत्र या कवीले का मुखिया । इसका एक सबूत यह है कि चौथो शताब्दी तक गौय लोगों के पास बाद फे जमाने के राजा के लिये , पूरी जाति के सैनिक मुखिया के लिये , एक विशेष शब्द हो गया था--thiudans | बाइबिल के उलफिला के अनुवाद मे अर्दाशीर और हेरोड को कभी reiks नही कहा गया है, यत्कि thiudans के नाम से पुकारा गया है और सम्राट टाइबीरियस के साम्राज्य को reiki नही, बल्कि thiudinassus कहा गया है। गौथिक “थियुडान्स", या, जैसा कि हम प्रायः गलत ढंग से उसका अनुवाद करते है, राजा थियुडैराइक्स, थियोडोरिक, अर्थात् डाईट्रिख - मे ये दोनो शब्द माय-माय चलते है। (एंगेल्स का नोट) १६४