पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/५४७

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57 प्रीतम छवी नैनन बसी 58 वड़ा लुफ्त है यार इश्कमें vii IV 19 V 26 59 बड़े बड़ाई ना करें V 29 60 बार वरावर वारि है IV 29 61 बूंद समानी बूंद में V 13 62 भजन भरोसे रामके III 14 63 भाव कुभाव अनख आलस IV 23 64 मकड़ी चढ़ती तारसे V 12 65 मनुवा मेरो मरि गयो V 23 66 माला तो करमें फिर 67 मृदङ्ग कहँ धिक् है धिक् है IV 17 II 5 68 मेरा मुझ में कुछ नहीं V 31 69 रकीवोने लिखाई हैं रपटे IV 21 70 रहिमन गली है साँकरी IV 24 71 रहिमन बात अगम्य की V 28 72 रामनाम मणि दीप धरु IV 11 73 रामनाम सब कोई कहे IV 10 74 लाख कोस जो गुरु बर्स IV 27 75 लागी लागी सब कहे V 20 76 लिखा पढीकी बात नहीं V 1 77 श्वास श्वास पर हर भजो IV 15 78 शुन्य मरे अजपा मरं 79 सगुनह अगुनहिं नहि कछु 80 सदा नगारा कूचका 81 सन्त सन्त सब एक हैं. IV13 III 5 I1 III 1 182 सवद सवद का अन्तरा V 11 83 सव बाजे हिरदे वजें V 9 84 सर सूखे पन्छी उड़ IV 28 85 सर्गुणकी सेवा करो IV 25 86 सहज मिले सो दूधसम II 8