पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/५३४

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iv बहिरो 1 इतनी कृपा हो स्वामी III 17 मच्छेन्द्र 1 तो भी कच्चा वे कच्चा IV 12 मन्सूर 1 अमर है शौक मिलने का IV 13 महिपति 1 साई अलख पलख में झलके V 2 क्या वे किसी से काम V 23 12 30 मीराबाई 1 कोई स्याम मनोहर त्योरी III 6 2 जोगी मत जा, मत जा, IV 17 3 तुम पलक उधारो दीनानाथ IV 18 4 पायो जी मैने रामरतन V 1 5 फागुन के दिन चार रे V 6 साघु कि सङगत पाई रे V 23 मौला 1 जो पीर मेरा बड़ा ओलिया V 27 यारी 1 झिलमिल झिलमिल वरसै नूरा V 9 रामानन्द 1 कत जाइए रे घर लाग्यो रंगु III 1 रैदास 1 अव कैसे छूटे नाम रट लागी III 7 2 नरहरि चंचल है मति मोरी III 10 3 आरती कहाँ लो जोव V 31 4 पावुन जस है माधो तेरा V 32