पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/५३३

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1 केशव कहि न जाय iii तुलसीदास 2 शंकर रामरूप अनुरागे 3 मनता तू न गई मेरे मन तें 1 4 1 7 I 8 4 जाके प्रिय न राम - वैदेही II 7 5 जेहि जय होइ सो स्यन्दन II 9 6 सात्त्विक श्रद्धा धेनु सुहाई II 11 7 पावन पर्वत वेद पुराना II 8 सुनु मुनि तोहि कहउँ सहरोसा II 9 नवधा भगति कहउँ तोही पाहि II 16 10 सोइ सच्चिदानंद घनरामा III 11 सुनु गिरिजा हरिचरित सुहाये III 125934 12 जिन्हकं रही भावना जैसी III 5 13 नाम रुप दुइ ईस उपाधी IV 5 14 काहे न रसना रामहि गावहि IV 6 15 बिनु पग चलें सुने बिनु काना IV 6 दादू 1 सो काफिर जो वोल काफ़ II 3 2 तौ निवहं जन सेवक तेरा III 9 3 कोरी साल न छॉर्ड रें IV 11 4 रामरस मीठा रे कोई पी V 20 धरमदास 1 झरि लागे महलिया गगन V 8 नानक 1 बिसर गई सब आप II 6 2 काहे रे बन खोजन जाई III 8 3 चेतना है तो चेतले IV 9 प्रभुदास 1 क्या तन माँजता रे H 10