पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/५१६

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18 (b) ऐसा देस दिवाना रे लोगों, जाय सो माता होय । विन मदिरा मतवारे झुमै, जनन मरन दुख खोय । (c) दधिको नांव विसर गइ ग्वालिनि 'हरि ल्यो ' ' हरि ल्यो' बोलै । कृष्ण रूप छाकी है ग्वालिनि औरहि ओं रै बोले । -I. 5. 13. -I-3-6 - Compare with this the famous नारदसूत्र मत्तो भवति, स्तब्धो भवति, आत्मारामो भवति -, as well as the expression जडमूढ पिशाचवत्. D. Social. 7. God-devotion, the bond of Universal Love :- जाके प्रिय न राम - वैदेही तजिये ताहि कोटि वैरि सम जद्यपि परम सनेही । ... नातो नेह राम के मनियत, मुहृद सुसेव्य तहाँ लौँ । अंजन कहा आँखि जेहि फूटइ, बहुतक कहउँ कहाँ लौं । -I-2-7 Compare with this the Abhanga of Tukaram:- नारायणीं घडे । जेणें अंतराय होत वाप माय । त्यजावीं तीं ।