पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/४७३

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· परमार्थसोपान । 'परमार्थसोपान' नामक पुस्तक में श्री प्रोफ़ेसर रा. द. रानडे ने १०० पदों का तथा १०० दोहों का संग्रह किया है। इस में २५ कवियों के नाम आये हैं तथा थोडे से पदों एवं बहुतेरे दोहाओं में कर्ताओं के नाम अकथित हैं । सब से अधिक पद महात्मा कबीरदास के चुने गये हैं । तदनन्तर महात्मा तुलसीदास और गोस्वामी सूरदास के भी बहुत से पद और दोहे संग्रहीत हैं। शेष कवियों में से महात्मा रैदास के ४, नानक के दो, दादूदयाल के ५, मीराबाई के ६, और चरणदास के चार पद आये हैं । फिर एक एक पद महात्मा रामानन्द, मंसूर, गोरखनाथ, धरमदास, यारी, एकनाथ, महीपति, मौला, गुलाल, नरहरिनाथ, रहीम, तुलसी की पत्नी, धरनी कृष्णानन्द, प्रभुदास, बहिरो, और मच्छेन्द्र के हैं । रहीम के केवल दोहे हैं जो एकसे अधिक हैं। यहां सब महात्माओंके थोड़े में जीवनचरित्र दिये जाते हैं । बहुतों के विषय में बहुत कम बातें ज्ञात हैं। रचनाओं का कुछ आलोचनात्मक विवरण भी देना ठीक होता हैं, किन्तु महात्माओं के कथनों की आलोचना साधारण लोगों द्वारा बहुत अच्छी भी न समझ पड़ेगी । इसी से इस का विवरण थोड़ा ही दिया जायगा ।