पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/३६८

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18 परमार्थसोपान - टिप्पणी [ Part I Ch. 11 सूरमा = शूरमा, शूर । ( It may be that the प्रत्यय'मा' may be derived from Sk. मन्य. Iu that case it would mean शूरमानी. सजनी - ( Two possible derivations, ( 1 ) f. of सजन = सज्जन, (2) from सजना 01 सज्जित करना ) ( 2 ) स्त्री. - बाँझ झुलावे पालना, बालक नहिं माहीं वस्त्र बांधले, परंतु आंत पार नाहीं ' । वस्तु विहीना बहु डिम्भी = = सत्य वस्तु से विरहित । अतिदाम्भिक । = (1) सहेली, cf. Marathi: पोटाला सन्तो कथि करनी करि cf. 'बोले तैसा चाले । त्याची वंदावी पाउले , - - तुकाराम | 11 सुहाई from सुहाना शोभायमान होना । पन्हाना - 1 - == From Sk. पयःस्रवन, cf. Marathi पान्हा. अँटे From अवटना = जुड़ावै (१) उबालना, (२) गरम करके गाढ़ा करना । ef. Marathi आटवणे. = - ठण्डा करे । जावनु ( From जमाना ) = जामन से । मुदिता - Subject of मथे. मथानी Marathi मंथनी. ci. रई Marathi रवी. अधार = आधार, स्तम्भ 01 खम्भा । = Note :- विमल, सुभग and सुपुनीता are adjectives of विराग (रूपी ) नवनीत. लाई = ( ईंधन की तरह ) जलाकर | बुद्धि ग्यान धृत सिरावै बुद्धि से ज्ञान रूपी धृत को ठण्डा करे । समता - Ejnanimity compared to a lamp-stand. ef. Marathi -whose projections are all on the same level. दिओट दीवट | ef. Marathi दिवटी. = गुण TEX Hear strings.