पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/३३४

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રદ્ परमार्थसोपान [Part II Ch. 5 13. COALESCENCE OF SOUND AND FORM EXPERIENCE. बूँद समानी हुँद में, सो जाने सब कोइ । बूँद समानी सबद में, जानै विरला कोइ ॥ 14 IN THE SEA OF GOD, THE SAINT IS AN OYSTER - SHELL, IN WHICH IS BORN THE PEARL OF EXPERIENCE. हरि दरिया सूभर भरा, साधो का घट सीप । ता में मोती नीपजै, चढ़े देसावर दीप || 15. EVERY HAIR OF THE BODY HAS VERITABLY BECOME A LAMP OF GOD सुन मण्डल में घर किया, बाजे शब्द रसाल | रोम रोम दीपक भया, प्रगटे दीन दयाल ||