पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/३०९

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Dohas 7-9] Pilgrimage २५१ (७) अनुवाद. अगुण और सगुण दोनों ब्रह्म के स्वरूप हैं । दोनों अकथनीय अगाध, अनादि और अनुपम हैं । मेरे मत से जिस नाम ने अपने प्रभाव से दोनों को अपने वश में किया है, वह दोनों से भी बड़ा है । इस प्रकार निर्गुण से नाम का प्रभाव बड़ा और अपार है ही, पर अपने विचार के अनुसार मैं ऐसा कहता हूँ कि नाम राम से भी बड़ा है । (८) अनुवाद. आत्मा को देख; दृश्य को देख और जो आत्मा और दृश्य के बीच है, उसको देख | तुलसीदास कहते हैं कि हे पामर ! अलक्ष्य को कैसे देखेगा ? राम नाम का जप कर । (९) अनुवाद. तुलसीदास कहते हैं कि "राम " नाम के दो वर्ण हैं, रेफ और अनुस्वार । वे दोनों छत्र और मुकुटमणि के समान सब अक्षरों पर विराजते हैं ।