पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/३०७

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Dohas 4-6] Pilgrimage ૨૪૨ (४) अनुवाद. कनफूँका गुरु हद्द का होता है। बेहद का गुरु और ही होता है । जब बेहद का गुरु मिल जाता है, तभी स्थायी स्थान प्राप्त होता है । (५) अनुवाद. गुरु और गोविन्द दोनों खड़े हैं। किसके पाँय लगू ? हे गुरु! मैं आपकी बलिहारी हूँ, ( क्योंकि आपने मुझे ) गोविन्द दिखा दिया । (६) अनुवाद. चाहे एक लाख चाँद लाकर रक्खो । करोड़ सूर्य मिला कर रक्खो | परन्तु गुरुदेव के तिमिर कभी भी नहीं जाएगा । " शब्द " के बिना