पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/३०३

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Dohas 18-14] Relation of God २४५ (१३) अनुवाद. साधु ही की देह एक आरसी है, जिसमें निराकार प्रतिविम्वित होता है; यदि तू अलख को देखना चाहता है, तो इसी में देख ले | (१४) अनुवाद. राम के भजन - भरोसे मगहर में शरीर का त्याग कर दिया | कबीरदास, अविनाशी की गोद में खेल रहे हैं ।