पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/३०१

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Dohas 10-12] Relation of God २४३ (१०) अनुवाद. पहिले दाम देता है; पीछे चाकरी माँगता है । उस साहब को सिर सौंपते क्यों तू अपनी देह पीछे हटाता है । (११) अनुवाद. सखी, चलो, हम दोनों वहाँ चलें, जहाँ व्रजराज बसते हैं । गोरस वेचते हरि मिलेंगे । 'एक पन्थ दो काज' होगा । (४) अनुवाद. अगर तू आकार चाहता है तो साधु प्रत्यक्ष देव है । निराकार चाहता है तो, निजरूप है। प्रेम प्रीति से (उसकी ) सेवा कर |