पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/३००

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NV કર परमार्थसोपान [ Part II Ch. 3 10. GOD FOREFULFILS THE DESIRES OF THE DEVOTEE. पीछे माँगे चाकरी, पहिले महिना देय । ता साहब सिर सौंपते, क्यों, खसकाता देह || 11. SPIRITUAL EUDAEMONISM, चलो सखी तहँ जाइए, जहाँ बसत ब्रजराज । गोरस बेंचत हरि मिलें, एक पन्थ दो काज ॥ 12. SADHU IS GOD WITH FORM NIJARUPA IS GOD WITHOUT FORM जो चाहै आकार तू, साधू परतछ देव । निराकार निजरूप है, प्रेम प्रीति से सेव ॥