पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/२९९

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Dohas 7-9] Relation of God ૨૫ [७] अनुवाद: कवीर कहते हैं कि मैं राम का कुसा हूँ। मेरा नाम मोतिया ' है । गले में नाम की जेवड़ी है । जिधर राम खींचता है, उधर मैं जाता हूँ । [८] अनुवाद. पहिले घर घर टुकड़े माँगते थे। अब तो भूपति पैर पूजते हैं। वे तुलसी तब विना राम के थे। आज उन्हीं का राम सहाय है । [९] अनुवाद. चित्रकूट के घाट पर सन्तों की भीड़ हुई । तुलसी- दास चन्दन घिसते थे और रघुवीर तिलक दे रहे थे ।