पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/२९७

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Dohas 4-6] Relation of God २३९ [४] अनुवाद. अन्तर्यामी से वहिर्यामी राम बड़ा है। ईश्वर का नाम लेते समय जब प्रहलाद को प्रण करना पड़ा तो प्रभु पत्थर से प्रकट हुए न कि हृदय से । [५] अनुवाद. सगुण और निर्गुण में कुछ भेद नहीं हैं । इस प्रकार मुनि, पुराण, पण्डित और वेद गाते आये हैं । जो अगुण, अरूप, अलख, अज है, वही भक्तों के प्रेमवश सगुण होता है। जो गुण रहित है वह सगुण कैसे हो सकता है ? जैसे जल हिम और उपल अलग नहीं हैं, एक ही हैं । (६) अनुवाद. चलती चक्की को देखकर कबीर रो पड़ा, कि दो पाटों के बीच में कोई समूचा नहीं बचा । चक्की, चक्की सभी कहते हैं पर कीला कोई नहीं कहता । जो कीले से लगा रहता है, वही समूचा बचता है |