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Dohas 1-3] Relation of God २३७ CHAPTER 3 The Relation of God to Saints [१] अनुवाद. सन्त सन्त सब एक हैं, जैसे पोस्ते के खेत में सब पोस्त एक रहते हैं । उनमें विरला ही कोई भाग्य से लाल होता है, शेष श्रेत के श्वेत रहते हैं । [२] अनुवाद. सिंह झुण्डों में नहीं रहते । हँसों को पंक्तियाँ नहीं होतीं । लालों की बोरियाँ नहीं मिलतीं । उसी तरह साधु जत्थे में नहीं चलते | [३] अनुवाद. तुलसीदास कहते हैं कि राम की मूर्ति घट घट में वैसे ही समाई रहती है जैसे मेंहदी की पत्ती में लाली रहती है पर देखी नहीं जाती । कस्तूरी ( मृग की ) नाभि में बसती है । ( पर ) मृग कस्तूरी को वन में ढूँढता है । इसी प्रकार ईश्वर हर घट में बसता है पर दुनियाँ ( उसको बाहर ) ढूँढने जाती है ।