पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/२८४

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૨૨૯ परमार्थसोपानं [Part II Ch. 2 CHAPTER 2 The Necessity of Moral Preparation. 1. YOU CANNOT SERVE GOD AND MAMMON TOGETHER. चींटी चावल ले चली, बीच में मिल गइ दाल | कह कबीर दो ना मिले, इक ले दूजी डाल || 2. THE SAME DROP OF WATER CAN BE EITHER MEDICINE OR PEARL OR POISON. कदली सीप भुजंग मुख, स्वाति एक गुण तीन । जैसी संगति होयगी, तैसोई फल दीन || 3. THE SANDAL TREE IS NOT CONTAMINATED BY THE VENOM OF THE ENCIRCLING SERPENT. जो रहीम उत्तम प्रकृति, का कर सकत कुसंग । चन्दन विप व्यापत नहीं, लिपटें रहत भुजंग ||