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-२०६ परमार्थसोपान [ Part I Ch. 5 29. GULAL'S FLIGHT INTO THE INFINITE BY THE POWER OF THE SWING-SONG.
तत्त हिंडोलवा सतगुरु नावल, तहँवा मनवा झुलत हमार ॥ १ ॥
विन डोरी बिन खम्भे पौदल, आठ पहर झनकार ॥ २ ॥
गावहु सखी हिंडोलवा हो, अनभौ मंगल चार ॥ ३ ॥
छुटल जगत कर झुलना हो, प्रेम पदारथ भइल निनार ॥ ४ ॥
अब नहिं अवना जवना हो, दास गुलाल मिलो है यार ॥ ५ ॥