पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/२२६

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. ટ परमार्थसोपान [ Part I Ch. 5 11. EKNATH ON THE VISION OF GOD IN ALL STATES OF CONSCIOUSNESS. गुरु कृपाञ्जन पायो रे भाई, राम विना कछु देखत नाहीं ॥ १ ॥ अन्दर राम बाहर राम, जहँ देखे तहँ रामहि राम ॥ २ ॥ जागत राम सोबत राम, सपन में देखूं आतमराम 11 3 11 एका जनार्दनी अनुभव नीका, जहँ देखे वह राम सरीका 11811