पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/२१६

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१५८ परमार्थतोपान [ Part I Ch. 5 6. TULSIDAS ON THE MYSTICAL TRANSCENDENCE OF GOD. विनु पग चलै सुनै विनु काना । चिनु कर करम करै विधि नाना ॥ आनन रहित सकल रस भोगी । विनु वाणी वक्ता बड़ जोगी ॥ तनु चिनु परस नयन बिन देखा । गहै घ्राण बिनु वास असेखा अस सब भाँति अलौकिक करणी । 11 महिमा तासु जाइ नहिं बरणी 11