पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/१३७

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Pada 5] The Relation of God. ७९ (Contd. from p. 77) योगी लोगों को शांत, शुद्ध, सम, और सहज प्रकाश परम- तत्व भासमान हुआ । हरि भक्तों ने सब सुखों को देने वाले अपने इष्टदेव के समान दोनों भाइयों को देखा । सीता जिस भाव से राम की ओर देखती हैं, वह स्नेह मुख से कहा नहीं जाता । जब कोई अपने अंतःकरण के अनुभव को स्वयं ही वाणी से नहीं कह सके तो कोई कवि किस प्रकार कहेगा ?