अट्ठारहमो संधि ture . 10 पासेंउ वलग्गइ ल्हसइ तणु ते इङ्गिउ पेक्सवि अण्ण-मणु। पणिउ पेहसिऍण णिएविमुहु 'किं दुषलिहुयउ कुमार तुहु ॥९ [ ] विरहग्गि-दह-मुहे-कञ्जएण पहसिउ पवुत्तु पवणञ्जएण ॥१ 'भो णयणाणन्दण चारु-चित्त णउ विसहउँ तइयउ दिवसु मित्त ॥२ जइ अज्जु ण लक्खिउ पियहें वयणु तो कल्लऍ महु णित्तुलउ मरणु ॥३ तं णिसुणेवि वुच्चइ पहसिएण कमलेण व वयणें पहसिएण ॥४ 'फणि-सिर-रयणेण वि णाहिँ गण्णु ऍउ कारणु केत्तिउ जे विसण्णु ॥५ किं पवणहों कवणु वि दुप्पवेसु' गय वेण्णि वि रयणिहि तप्पवेसु॥१ थिय जाल-गवक्खऍ दिट्ठ वाल मयण-वाण-घणु-त -तोण-साल ॥७ मारो वि मरइ विरहेण जाहें को वण्णेवि सका रूवु ताहें ॥८ ॥ घत्ता॥ तं वहु पेक्वेवि परितोसिएण वरइत्तु पसंसिउ पहसिएण। 'तउ जीविउ सहलु अणन्त सिय जसु करें लग्गेसइ एह तिय ॥९ [७] एत्थन्तरें अट्ठमी-चन्द-भाल मुहु जोऍवि चवइ वसन्तमाल ॥१ 'सहलउ तउ माणुस-जम्मु माऍ भत्तारु पहाणु लडु जाएँ ॥२ तं णिसुणेवि दुम्मुह दुट्ट-वेस सिरु विहुणेवि भणइ वि मीसकेस ॥३ 'सोदामणिपहु पहु परिहरेवि थिउ पवणु कवणु गुणु संभरेवि ॥ ४ जं अन्तर गोपय-सायराहुँ जं जोइङ्गणहँ दिवायराहुँ ॥५ जं अन्तर केसरि-कुञ्जराहँ जं कुसुमाउह-तित्थङ्कराह ॥ ६ जं अन्तर गरुड-महोरगाहुँ जं अमरराय-पहरण-णगाहुँ ॥ ७ जं पुण्डरीय-चन्दुजयाहुँ तं विजुप्पहु-पवणञ्जयाहुँ'॥८ 15 20 68 पिक्खिवि. 6. 1 PSA मुहु. 2 PSA कइ. 3 PSA णाहि. 4 Ps कित्तिड, किचर. 58तं. 1. 18 सदसियंद. 2 P सलहउ. 3 Ps दुम्मह, दुम्महल. २ प्रहसित-मित्रेण. [६] १ मुखकमलेन. २ भना. ३ कामोऽपि. [७] १ मिश्रकेची. २ विद्युत्प्रभु. ३ वजा.
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